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कश्मीर पर तुर्की का पाकिस्तान समर्थक रुख

कश्मीर पर पाकिस्तान समर्थक होने के बावजूद कांग्रेस ने तुर्की का में कार्यालय क्यों खोला? 

*राकेश इंजीनियर

अब जांच यह पाया गया है कि पीएफआई को पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी आईएसआई की मदद से तुर्किये के राष्ट्रीय खुफिया संगठन (खुफिया एजेंसी) द्वारा वित्त पोषित और संचालित किया गया है।

जांच में हुआ खुलासा :

ईडी अधिकारियों ने पीएफआई के बैंक खातों में लगभग 100 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन का पता लगाया है।

अब हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में तुर्किये के राष्‍ट्रपति ने अपना लहजा नरम कैसे किया और भारतीय नेताओं से मिलने की बेताबी क्यों की ?  यदि भारत उनके राष्ट्र द्वारा आतंकवादी संगठनों वित्त पोषित करने के उपयोग और हमारे आंतरिक मामलों में तुर्की की भागीदारी का ठोस सबूत दिखाता है! तो समस्‍या हो सकती है? अब तुर्की (अब तक ग्रे सूची में) काली सूची में होने से बचना चाहता है।

मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में भारत की बाहरी और आंतरिक एजेंसियों द्वारा छ:-सात वर्षों की कड़ी मेहनत करके प्रमाण एकत्र किए और इस दौरान पॉपकॉर्न, हिंदू रायता विंग्स, व्रत और वाईटी सूरमा भोपालियों द्वारा दी गई विभिन्न एसएम गालियों के बाद भी हमारे गृह मंत्री श्री अमित शाह जी पर बिल्कुल शांत थे?

अब आप समझ गए हैं कि अंकारा-तुर्की में कांग्रेस का कार्यालय क्यों है और रेडियो के साथ पीके फिल्म का नग्न आदमी तुर्की गया था और वहां की प्रथम महिला से मिला था।

मोदी और शाह उस स्तर पर काम करते हैं जो मोदी सरकार को गाली देने वाले आम भावुक भारतीय नागरिकों की कल्पना से कहीं परे है। अजीत डोभाल गुप्त रूप से और घातक प्रभाव और सफलता के साथ काम करने वाली भारत की तेज़ तलवार हैं!

कुछेक परिवार देश को बदनाम करने के लिए हर स्तर पर प्रयास कर रहे हैं क्योंकि वे भारत में स्थिति पूरी तरह खो चुके हैं। अब उनसे और क्या उम्मीद की जा सकती है

मैं श्री अमित शाह, हमारे रॉ और हमारे एनएसए अजीत डोभाल और विभिन्न राज्यों में उनकी पूरी आईबी और एटीएस/ आईपीएस टीमों को सलाम करता हूं!

जय भारत! वन्दे मातरम! क्‍वोरा के सोजन्‍य से

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